Thursday, 28 June 2018

pyaari Veena

हमारी प्यारी वीणा

तुम एक अजब गजब चीज़ हो वीणा,
सीखे कोई तुमसे खुल कर के जीना।
 SMC-77 ग्रुप का हो तुम एक नगीना,
जो मिले एक बार भूल पाए वो कभी ना। 

तुम्हारी भाषा भी है एक दम  निराली,
रोकने टोकने से नहीं तुम हटने वाली,
चुकती नहीं हो तुम देने से गाली वाली,
फिर भी सब कहें वीणा आली, वीणा आली !

कभी तो छेड़ती हो तुम सुरीली तान,
कभी बंद करने पड़ते हैं अपने कान,
बस मन की कहती हो तुम सीना तान,
लेकिन वीणा पूरे ग्रुप की हो तुम जान।

शोर मचाना आदत है तुम्हारी ख़ास,
पंगे लेने में तो हो तुम पूरी  उस्ताद,
पर दिल है एक सच्चा सीधा तुम्हारे पास,
वीणा, बंदी हो तुम एक दम  बिंदास !

अक्सर करती रहती हो बातें बेकार ,
हो जाते हैं हम सभी अक्सर ज़ार ज़ार,
पर है सभी के लिए तुम्हारे दिल में प्यार,
और खुले रहते हैं सब के लिए,तुम्हारे घर के द्वार।

शुभा सागर














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